28 अगस्त 2025: भारत में सोने-चांदी की ताजा कीमतें, निवेश के लिए एक्सपर्ट सुझाव
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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!28 अगस्त 2025: भारत में सोना-चांदी की ताजा कीमतें और निवेश के लिए जरूरी सुझाव
28 अगस्त 2025 को भारत में सोने और चांदी की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है। 24 कैरेट सोना ग्राम के अनुसार ₹10,245 से ऊपर ट्रेड कर रहा है, जबकि चांदी की कीमत लगभग ₹120 प्रति ग्राम के आसपास बनी हुई है। त्योहारों और शादियों के आस-पास मांग में वृद्धि के कारण ये धातु अपने निवेशकों और खरीदारों के लिए आकर्षक बनी हुई हैं।
भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में सोने के दामों में मामूली अंतर दिखाई देता है, जो स्थानीय मांग, कर और परिवहन लागत के कारण होता है। निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार, मुद्रा विनिमय दर और नीतिगत बदलाव भी इनकी कीमतों को प्रभावित करते हैं। इस मौसम में सही समय और सही कीमत पर निवेश करना आपको बेहतर लाभ दिला सकता है।
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सोने के विभिन्न शुद्धता के वर्तमान दर
सोने की कीमतें हर रोज बदलती रहती हैं, जो बाजार की मांग, वैश्विक स्थिति और स्थानीय एक्सपेंस पर निर्भर करती हैं। विभिन्न शहरों में सोने की गुणवत्ता के अनुसार कीमतों में थोड़ा अंतर होता है, खासकर 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की दरों में। निवेश या खरीदारी से पहले यह जानना जरूरी है कि आपके शहर में सोने की कीमतें कैसी हैं। आइए, इस समय की दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में सोने के अलग-अलग शुद्धता के दामों पर एक नज़र डालते हैं।
24‑K सोने की दर (प्रति ग्राम): दिल्ली ₹10,260, मुंबई‑बेंगलुरु‑हैदराबाद‑केरल ₹10,245, वडोदरा‑अहमदाबाद ₹10,250। 10 ग्राम की कीमत ₹1,02,450, 8 ग्राम ₹81,960।
24 कैरेट सोना शुद्धता में सबसे उच्चतम होता है, इसलिए इसकी कीमत भी सबसे ज्यादा होती है। दिल्ली में 24K सोने का रेट इस वक्त ₹10,260 प्रति ग्राम है। वहीं, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और केरल जैसे बड़े शहरों में यह कीमत थोड़ी कम, ₹10,245 के आसपास है। वडोदरा और अहमदाबाद में भी कीमत लगभग उसी स्तर पर, ₹10,250 प्रति ग्राम है।
अगर 10 ग्राम के हिसाब से देखें तो दिल्ली में इसकी कीमत ₹1,02,450 पहुंच जाती है, जबकि 8 ग्राम के लिए यह ₹81,960 होती है। यह स्पष्ट करता है कि शुद्धता और स्थानीय बाजार के अंतर के कारण कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं।
22‑K सोने की दर (प्रति ग्राम): दिल्ली ₹9,406, बाकी शहर ₹9,391। 10 ग्राम ₹93,910, 8 ग्राम ₹75,128।
22 कैरेट सोना, जो आमतौर पर आभूषणों में प्रयोग किया जाता है, बाजार में थोड़ा सस्ता मिलता है। दिल्ली में इसका रेट ₹9,406 प्रति ग्राम है, जो कि देश के अधिकांश अन्य बड़े शहरों से थोड़ा अधिक है। मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे शहरों में इसकी औसत कीमत ₹9,391 प्रति ग्राम के आसपास है।
10 ग्राम के हिसाब से देखें तो यह ₹93,910 और 8 ग्राम के हिसाब से ₹75,128 की दर से बिक रहा है। 22K सोना उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिनका बजट थोड़ा सीमित हो लेकिन वे अच्छा और टिकाऊ सोना लेना चाहते हैं।
18‑K सोने की दर (प्रति ग्राम): चेंनई ₹7,771, दिल्ली ₹7,696, अन्य शहर ₹7,684। 10 ग्राम ₹76,840, 8 ग्राम ₹61,472।
18 कैरेट सोना, जिसकी शुद्धता कम होती है, इसकी कीमत भी काफी कम होती है। चेंनई में 18K सोना ₹7,771 प्रति ग्राम के हिसाब से बिक रहा है, जो दिल्ली की तुलना में थोड़ा ज्यादा है जहां यह ₹7,696 प्रति ग्राम है। बाकी शहरों में यह कीमत लगभग ₹7,684 प्रति ग्राम के आसपास बनी हुई है।
10 ग्राम 18 कैरेट सोने की कीमत ₹76,840 होती है, जबकि 8 ग्राम के लिए यह ₹61,472 है। कम शुद्धता के कारण यह सोना रोजमर्रा के उपयोग और बजट के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।

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यह जानना जरूरी है कि सोने की कीमतें रोजाना बदलती रहती हैं, इसलिए खरीदारी से पहले ताज़ा दरों की जांच करना हमेशा बेहतर रहेगा। अगर आप सोने में निवेश या खरीदारी करने जा रहे हैं तो स्थानीय बाजार की दरों को समझ लेना और सही समय पर फैसले लेना आपके लिए फायदेमंद होगा।
सोने की कीमतों का हाल देखते हुए, आप अपनी जरूरत और बजट के अनुसार सही विकल्प चुन सकते हैं। माहौल कुछ भी हो, सोना हमेशा सुरक्षित निवेश का पहला विकल्प माना जाता है।
यहां क्लिक कर के देखें सोने की ताजी दरें जो रोज अपडेट होती हैं।
चांदी की कीमतें और बाजार में बदलाव
चांदी, जो हमेशा से निवेशकों और उद्योगों के लिए अहम रही है, इसकी कीमतों में हाल ही में कुछ बदलाव देखे गए हैं। घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चांदी की कीमतें उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हैं। यह बदलाव बाजार के मूड, वैश्विक आर्थिक हालात और घरेलू मांग-पूर्ति जैसे कई कारणों से प्रभावित होते हैं।
थोड़ी बहुत गिरावट के बावजूद, चांदी आज भी निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बनी हुई है, खासकर उन लोगों के लिए जो सुरक्षित संपत्ति में ब्याज रखते हैं। आइए, जानते हैं शहरों के अनुसार चांदी की नई दरें और कीमत में आई गिरावट के उनके पीछे के कारण।
शहर अनुसार चांदी की दर (प्रति किलोग्राम): चेंनई, हैदराबाद, केरल ₹1,29,900; दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु ₹1,19,900।
चांदी की कीमतें हर शहर में थोड़ा अंतर दिखाती हैं जो स्थानीय मांग, सप्लाई और ट्रेडिंग खर्चों में भिन्नता के कारण होती हैं। इस समय, दक्षिण के प्रमुख शहर जैसे चेन्नई, हैदराबाद और केरल में चांदी की दर लगभग ₹1,29,900 प्रति किलोग्राम के आसपास है। यह दर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों की तुलना में करीब ₹10,000 ज्यादा है।
| शहर | चांदी की दर (प्रति किलोग्राम) |
|---|---|
| चेन्नई | ₹1,29,900 |
| हैदराबाद | ₹1,29,900 |
| केरल | ₹1,29,900 |
| दिल्ली | ₹1,19,900 |
| मुंबई | ₹1,19,900 |
| बेंगलुरु | ₹1,19,900 |
यह अंतर मुख्य तौर पर स्थानीय बाजार की स्थिति और सप्लाई चैन संबंधी वजहों से मौजूद रहता है। इसलिए निवेशकों को अपने क्षेत्र की कीमतों पर करीब नजर रखनी चाहिए ताकि सही समय पर सही फैसले लिए जा सकें।
कीमत में गिरावट के प्रमुख कारण: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता में कमी, मुनाफा बुकिंग, अल्पकालिक स्थिरता की उम्मीद।
चांदी के दामों में जो गिरावट आई है, उसके पीछे कई टीपिकल कारण काम कर रहे हैं। पहला, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का कम होना। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक जोखिम कम होता है, तो निवेशक जोखिम भरे विकल्पों की ओर बढ़ते हैं और सुरक्षित निवेशों जैसे चांदी की मांग थोड़ी कम हो जाती है।
दूसरा कारण है मुनाफा बुकिंग। कई निवेशक, जिनके पास पहले से अच्छी मात्रा में चांदी है, अपने लाभ को सुरक्षित करने के लिए बेचने लगते हैं। इससे बाजार में बिक्री बढ़ती है और कीमतें नीचे आती हैं।
तीसरा और अंतिम कारण है अल्पकालिक स्थिरता की उम्मीद। निवेशक और व्यापारी इस बात की प्रतीक्षा में रहते हैं कि चांदी की कीमतें आने वाले कुछ हफ्तों में स्थिर हो जाएं, जिससे वे फिर से खरीदारी कर सकें। यह बाजार में संयम और इंतजार की स्थिति बनाता है, जो कीमतों को दबाव में रखता है।
इसके अलावा, चांदी के दामों में बदलाव पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दर, सरकार की नीतियां, तथा उद्योगों में चांदी की मांग भी प्रभाव डालते हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा क्षेत्रों में चांदी की मांग में बदलाव सीधे कीमत पर असर दिखाता है।
यदि आप चांदी में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो बाजार के छोटे बदलावों से घबराना नहीं चाहिए। इस समय की जानकारी के साथ सोच-समझ कर कारोबार करें और बाजार के ताजी अपडेट के लिए भरोसेमंद स्रोतों को नियमित चेक करते रहें, जैसे कि GoodReturns पर आज की चांदी की कीमत।
इस तरह की समझ आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को बेहतर तरीके से समझने और अपने निवेश को सही दिशा में ले जाने में मदद करेगी।
कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
सोना और चांदी की कीमतें सिर्फ बाजार में मांग-पूर्ति से नहीं तय होतीं, बल्कि इसके पीछे कई गहरे और जटिल कारक काम करते हैं। हर वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचल से लेकर स्थानीय कर व्यवस्था तक, ये सभी एक दूसरे से जुड़े होते हैं और कीमतों पर असर डालते हैं। जब हम इन कारकों को समझ लेते हैं, तो बाजार में तेजी या सुस्ती के सच को बेहतर तरीके से जान सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें डॉलर में तय होती हैं। मतलब, जब डॉलर की कीमत में बदलाव होता है, तो भारत में सोने की कीमत भी उसी अनुसार ऊपर-नीचे होती है। यदि डॉलर मजबूत होता है, तो सोने को खरीदना महंगा हो जाता है, और यह भारत में सोने की कीमतों को बढ़ा देता है। वहीं, डॉलर के कमजोर होने पर सोना सस्ता हो सकता है।
इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक घटनाएं जैसे विदेशी निवेश, राजनीतिक संकट या मुद्रास्फीति भी सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों को प्रभावित करती हैं। भारत एक बहुत बड़ा सोना आयातक देश है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में छोटी-छोटी उछाल भारत में कीमतों को सीधा झटका देती है।
स्थानीय कर और परिवहन लागत
भारत के अलग-अलग राज्यों में कर दरें अलग होती हैं। जैसे कि राज्य GST, स्थानिक कर, और लेन-देन शुल्क की व्यवस्था में भिन्नता होती है, जो सोने और चांदी की कीमतों में कुछ हद तक फर्क लाती है। उदाहरण के लिए, मुंबई या दिल्ली जैसे मुख्य शहरों में पोर्ट से आने वाली ट्रांसपोर्ट लागत कम होती है, जिससे कीमत थोड़ी नियंत्रित रहती है।
जबकि अंतर्देशीय या दूर-दराज़ के इलाकों में परिवहन और डीलरशिप के कारण अतिरिक्त खर्च जुड़ जाता है। इसके अलावा, कुछ नगरों में सोने की मांग अधिक होती है, तो वहां कीमतें सामान्यतः बढ़ जाती हैं। इन सब कारणों से आप देखेंगे कि भारत के विभिन्न शहरों में सोने और चांदी के दामों में फर्क हो सकता है।
मौसमी और त्योहारों की मांग
भारत में शादी, दीवाली, लक्ष्मी पूजा जैसे त्योहारों के वक्त सोने की मांग अचानक बढ़ जाती है। यह मांग इतनी बड़ी होती है कि कई बार इसका असर कीमतों पर स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है।
शादी के सीजन में ज्यादातर परिवार सोने में निवेश करते हैं, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है। इसी प्रकार, धार्मिक त्योहारों के दौरान सोने की ज्वैलरी खरीदी जाती है, जिससे कीमतों में अस्थायी बढ़ोतरी होती है। यह बढ़ोतरी ज्यादातर सीमित समय के लिए होती है लेकिन इनसे बाजार में भारी हलचल रहती है।
इन सब बातों से यह साफ समझ आता है कि सोने और चांदी की कीमतें कभी भी स्थिर नहीं रहतीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल, डॉलर के उतार-चढ़ाव, स्थानीय कर व्यवस्था और त्योहारों की मांग जैसे कई कारण इस पर प्रभाव डालते हैं।
अधिक जानकारी और ताज़ा अपडेट के लिए आप Gold Price: What are the factors that impact the price of gold? पढ़ सकते हैं। इस लिंक पर विस्तार से बताया गया है कि कैसे ये कारक मिलकर कीमतों को दिशा देते हैं।
खरीदारों और निवेशकों के लिए व्यावहारिक सुझाव
सोने या चांदी में निवेश करना सोच-समझकर किया जाने वाला फैसला है। सही योजना और सही तरीके से निवेश करने पर जोखिम कम होता है और मुनाफा बढ़ता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सुझाव, जो आपको खरीद और निवेश दोनों में मदद करेंगे। आप स्थानीय कीमतों की तुलना करने से लेकर शुद्धता के चयन तक, और डिजिटल विकल्पों को समझने तक, हर जरूरी पहलू पर ध्यान देंगे।
भौगोलिक चयन और मात्रा की योजना: दिल्ली जैसी महँगी शहरों में तुलना करके सस्ते शहरों से खरीदें; 8‑10 ग्राम पैकेज में निवेश पर विचार
सोने की कीमतें भारत के अलग-अलग शहरों में भिन्न होती हैं। जैसे दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महंगे शहरों में दाम आमतौर पर अधिक रहते हैं, जबकि कुछ छोटे या कम महंगे शहरों में कीमतें कम होती हैं। इसलिए, अगर आपकी सुविधा हो तो महंगे शहरों के बजाय सस्ते शहरों में भी सोना खरीदना फायदेमंद रहेगा।
मात्रा के मामले में भी 8 से 10 ग्राम के पैकेज पर निवेश करना बेहतर रहता है। यह मात्रा आपके निवेश को अधिक लचीला बनाती है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर आप हिस्सा बेच भी सकते हैं या बाद में और जोड़ भी सकते हैं। इसके अलावा, छोटे पैकेज खरीदने से नकदी की मजबूरी कम होती है और जोखिम भी नियंत्रित रहता है।
कहीं कहीं आपको थोड़ा ज्यादा अतिरिक्त शुल्क या कर लग सकता है। इसलिए भौतिक सोना खरीदते समय, स्थानीय दरों और अतिरिक्त शुल्क की पूरी जानकारी लेना जरूरी है। इस तरह आप अपनी निवेश योजना को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर पाएंगे।
शुद्धता के विकल्प और उनका उपयोग: ज्वेलरी के लिये 22K, निवेश के लिये 24K; प्रत्येक की मजबूती और मूल्य स्थिरता के फायदे
सोने की शुद्धता भी आपके खरीद निर्णय में अहम भूमिका निभाती है। आमतौर पर, ज्वेलरी और गहनों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल होता है क्योंकि यह मजबूत होता है और लंबे समय तक चमकता रहता है। 22K सोने में 91.6% सोना होता है और इसमें अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं जो इसे टिकाऊ बनाती हैं।
वहीं निवेश के लिए 24 कैरेट सोना उत्तम होता है क्योंकि यह शुद्ध सबसे अधिक सोना होता है (99.9%)। 24K सोना मूल्य में अधिक स्थिर रहता है और आसानी से तरल (liquid) किया जा सकता है। निवेशकों को खासकर 24K गोल्ड बार या सिक्के खरीदने की सलाह दी जाती है ताकि अधिक लाभ और भरोसेमंद मूल्य मिले।
ध्यान रहे कि 24K सोना नरम होता है, इसलिए आभूषण के रूप में इस्तेमाल कम होता है क्योंकि टूटना या खरोंच लगना आसान होता है। इसीलिए ज्वेलरी के लिए 22K, और निवेश के लिए 24K सोना बेहतर विकल्प है।
डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सोना खरीदना, भौतिक भंडारण की चिंता नहीं; सॉवरेन बॉन्ड से ब्याज और टैक्स लाभ
सोने में निवेश के लिए अब डिजिटल विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो पारंपरिक फिजिकल गोल्ड की तुलना में बहुत सुविधाजनक हैं। डिजिटल गोल्ड आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीद सकते हैं और इसे कहीं भी सुरक्षित रख सकते हैं। इससे भौतिक सोना रखने की चिंता खत्म हो जाती है जैसे चोरी, संभाल और रखरखाव।
इसके अलावा, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) भी बढ़िया विकल्प हैं। इन बॉन्ड्स में निवेश करने पर आप न केवल सोने की कीमत में वृद्धि का लाभ उठाते हैं, बल्कि आपको सालाना ब्याज (लगभग 2.5%) भी मिलता है। इसके साथ ही, अगर आप बॉन्ड्स की मैच्यूरिटी तक इन्हें रखते हैं, तो कैपिटल गेन टैक्स से भी छूट मिलती है।
डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स दोनों में विशेषज्ञों के अनुसार लंबी अवधि के लिए निवेश करना बेहतर होता है और ये विकल्प सोने में निवेश को आसान, सुरक्षित और लाभकारी बनाते हैं। डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स के बीच अंतर और निवेश के लिए विकल्प यहां देखें और अपने निवेश को सही दिशा दें।
इन व्यावहारिक सुझावों से आपका सोने में निवेश और खरीदारी का अनुभव बेहतर होगा। सही जगह, सही मात्रा, शुद्धता का ध्यान और डिजिटल विकल्पों का उपयोग आपको भविष्य में ज्यादा फायदा देगा।
निष्कर्ष
28 अगस्त 2025 को सोना और चांदी की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई, जहां 24 कैरेट सोना लगभग ₹10,260 प्रति ग्राम के आसपास है और चांदी की कीमत लगभग ₹1,16,350 प्रति किलोग्राम बनी हुई है। यह सुधरती हुई स्थिति घरेलू मांग, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और मुद्रा विनिमय जैसे कारकों से प्रभावित है।
निवेशक अब सही समय और उचित मूल्य पर सोना खरीदकर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकते हैं। त्योहारों और शादी के मौसम को ध्यान में रखते हुए कीमतों में हल्की उतार-चढ़ाव संभावित हैं, इसलिए योजना बनाकर और बाजार की ताजा जानकारी लेकर निवेश करना लाभकारी रहेगा।
भविष्य में डॉलर के स्तर, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, और घरेलू नीति में बदलावों के हिसाब से सोने-चांदी के भाव में बदलाव जारी रहने की संभावना है। इसलिए, नियमित अपडेट पर नजर रखना और सही समय पर खरीद विक्रय का निर्णय लेना सफलता की कुंजी है।
अपने निवेश को सुरक्षित और समझदारी से करने के लिए देखें कि आप शुद्धता, मात्रा और बाजार की स्थिति को समझते हैं। इस जानकारी के साथ आप बेहतर फैसले ले सकते हैं और अपनी संपत्ति को बढ़ा सकते हैं।
आपके समय और समझदारी के लिए धन्यवाद। कृपया इस जानकारी को शेयर करें और अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें।
