भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स 2025: असम में खेल, मनु भाकर, सुनील छेत्री, लवलिना सम्मानित
Estimated reading time: 1 minutes
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स 2025: मनु भाकर, सुनील छेत्री और लवलिना का सम्मान और असम में खेल का नया दौर
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स की शुरुआत 2025 में असम ओलंपिक संघ ने की, ताकि असम के पहले एशियाई खेलों के गोल्ड मेडलिस्ट और अरुणिमा पुरस्कार विजेता भोगेश्वर बरुआ की याद में खेल को सम्मानित किया जा सके। ये पुरस्कार समारोह गुवाहाटी में आयोजित हुआ, जो राज्य में खेल के विकास और खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ावा देने का एक नया कदम है।
इस सम्मान से न केवल शीर्ष राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जैसे मनु भाकर, सुनील छेत्री और लवलिना बोरगोHAIN को मान्यता मिली, बल्कि असम के खेल जगत में भी नई प्रेरणा जन्मी है। भोगेश्वर बरुआ के सपनों को आगे बढ़ाते हुए, ये अवार्ड्स असम में खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक भरोसेमंद प्रयास हैं।
यह समारोह नयी ऊर्जा का प्रतीक है जो खेल के प्रति जनमानस में जोश और सम्मान को बढ़ाता है। अब असम खेलों के क्षेत्र में खुद को राष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
यहाँ आप जानेंगे कि ये पुरस्कार कैसे असम के खेल इतिहास में एक अहम मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
भोगेश्वर बरुआ और उनके योगदान
असम के खेल इतिहास में भोगेश्वर बरुआ एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और जज्बे से न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। 1960 और 70 के दशक में जब खेलों में असमिया खिलाड़ियों की पहचान बनाना आसान नहीं था, तब भोगेश्वर ने शानदार प्रदर्शन से ये चुनौती स्वीकार की। उनके नाम जुड़ा है असम का पहला एशियन गेम्स गोल्ड मेडल और ये भी कि वे पहले असमिया खिलाड़ी थे जिन्हें अर्जुन अवार्ड मिला। इन उपलब्धियों के कारण उनके नाम पर एक राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की शुरुआत हुई है, जो आज के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
1966 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल से स्थापित पहचान
भोगेश्वर ने 1966 के एशियन गेम्स में 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर असम और पूरे पूर्वोत्तर का मान बढ़ाया। उन दिनों इतनी बड़ी प्रतियोगिता में जीतना एक बड़ी बात थी, जो ये दिखाती है कि उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए जो राह बनाई, वह असाधारण थी। गोल्ड मेडल के साथ, उन्होंने असम के खेल परिदृश्य को एक नई दिशा दी और साथ ही युवाओं के लिए सपनों को सच करने का उदाहरण रखा।
1970 में 4×400 मीटर रिले में सिल्वर मेडल
1966 के बाद भोगेश्वर का प्रदर्शन और बेहतर हुआ। 1970 के एशियन गेम्स में उन्होंने 4×400 मीटर रिले में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी टीम को प्रतिष्ठा दिलाई। ये टीम वर्क और समर्पण की मिसाल थी जो आज भी असमिया खेल प्रेमियों के दिलों में विशेष स्थान रखती है। यह उपलब्धि भोगेश्वर की बहुमुखी प्रतिभा और खेल के प्रति उनके जुनून को दर्शाती है।
पहले असमिया अर्जुन अवार्डी की विरासत
भोगेश्वर बरुआ को 1966 में भारत सरकार ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन्हें देश के शीर्ष खिलाड़ियों में स्थान दिलाने का पहला कदम था। असम के लिए यह गर्व की बात थी कि कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर इतना ऊँचा सम्मान पा रहा है। अर्जुन अवार्ड मिलने वाला पहला असमिया खिलाड़ी होने के कारण भोगेश्वर की विरासत आज भी नई पीढ़ी को प्रेरित करती है।
भोगेश्वर बरुआ राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की शुरुआत क्यों?
भोगेश्वर की उपलब्धियां और असम के लिए उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए, असम ओलंपिक संघ ने 2025 में उनके नाम पर यह पुरस्कार शुरू किया। इसका मकसद सिर्फ उनकी याद को कायम रखना नहीं है, बल्कि युवा खिलाड़ियों में खेल के प्रति समर्पण और प्रतियोगिता की भावना को भी बढ़ावा देना है। इस सम्मान के जरिए भोगेश्वर बरुआ के सपनों और खेल के प्रति उनके उदारता वाले दृष्टिकोण को एक नया आयाम मिला है।
यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों के लिए हर साल नए उत्साह का स्रोत बनता है जो असम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान दिलाते हैं। भोगेश्वर बरुआ का नाम हमेशा असम के खेल इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में चिह्नित रहेगा, और उनके योगदान को याद करते हुए खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहना असम की जिम्मेदारी भी है।
अधिक जानकारी के लिए आप इस असम ट्रिब्यून के लेख को देख सकते हैं, जहां उनके सम्मान में खेल पुरस्कार के बारे में विस्तार से बताया गया है।
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स: संरचना और श्रेणियाँ
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स का उद्देश्य असम और पूरे भारत के खिलाड़ियों को उनकी मेहनत और उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना है। यह पुरस्कार हर दो साल में दिया जाएगा, जिसमें राज्य स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी पुरस्कार मिलेगे। इन अवार्ड्स की संरचना और श्रेणियाँ इस प्रकार तैयार की गई हैं कि हर उम्र और हर स्तर के खिलाड़ियों का समुचित सम्मान हो सके।
पुरस्कार की संरचना
यह पुरस्कार समारोह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल राष्ट्रीय नामी खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि असम के उभरते हुए और अनुभवी खिलाड़ी भी अपनी काबिलियत के लिए उचित मान्यता पाएं। इन अवार्ड्स में छह मुख्य श्रेणियाँ शामिल हैं, जो अलग-अलग क्षमताओं और करियर के हिस्सों को मान्यता देती हैं।
पुरस्कार हर दो साल में एक बार प्रदान किए जाते हैं ताकि खिलाड़ियों को उनकी सतत उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया जा सके और उन्हें खेलों में और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जा सके।
पुरस्कार श्रेणियाँ
यह पुरस्कार कुल छह श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें तीन प्रमुख श्रेणियाँ राष्ट्रीय स्तर की हैं और राज्य स्तर पर भी इसी तरह के पुरस्कार दिए जाते हैं:
- बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन अवार्ड
यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी खेल क्षमताओं से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असाधारण प्रदर्शन किया हो। यह अवार्ड सभी खेलों के लिए खुला है। - इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर
इस श्रेणी में युवा और उभरते खिलाड़ियों को पहचान दी जाती है, जिन्होंने हाल ही में अपने क्षेत्र में चमकदार प्रदर्शन दिखाया हो। यह पुरस्कार युवा टैलेंट को आगे बढ़ावा देने के लिए है। - लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
खेल के क्षेत्र में लंबी अवधि तक योगदान देने वाले खिलाड़ियों और कोचों को यह सम्मान मिलता है। जो पिछले वर्षों में खेल के प्रति समर्पण और उल्लेखनीय योगदान के लिए चुने जाते हैं।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
- राज्य स्तर पर असम के खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों और योगदान के आधार पर सम्मानित किया जाता है। यह असम के खेल क्षेत्र को मजबूत बनाने का एक कदम है।
- राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को उनके खेल करियर की श्रेष्ठता और देश के लिए उनके योगदान की मान्यता के लिए अवार्ड दिए जाते हैं।
यह संरचना खिलाड़ियों को उनके करियर के हर पड़ाव पर सम्मानित करते हुए उन्हें आने वाले प्रतियोगिताओं के लिए प्रेरित करती है।

इन्फोग्राफिक: भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स की संरचना और श्रेणियाँ
यह पुरस्कार असम में खेल को एक नई पहचान देने के साथ-साथ देश भर के खिलाड़ियों को भी उनके प्रयासों के लिए मान्याता प्रदान करता है। यदि आप भोगेश्वर बरुआ की जीवनी और खेल इतिहास के बारे में और जानना चाहते हैं तो आप इस Assam Olympic Association के आधिकारिक लॉन्च समाचार को पढ़ सकते हैं।
यह नया पुरस्कार समारोह न केवल पुराने दिग्गजों को सम्मानित करता है, बल्कि नए खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
प्रमुख विजेता 2025: सम्मानित खिलाड़ी और उनके क्षेत्र
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स 2025 ने असम और पूरे भारत के खेल जगत में चमक दमक वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया है। ये पुरस्कार न केवल उनकी उपलब्धियों को पहचानता है, बल्कि खेल में उनके समर्पण और मेहनत की भी तारीफ करता है। इस बार के पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय और असमिया दोनों स्तरों के चमकते सितारे शामिल थे, जिनका खेल क्षेत्र और उनकी उपलब्धियां इस सम्मान को और भी खास बनाती हैं।
हर खिलाड़ी की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है, जो बताती है कि मेहनत, समर्पण और जुनून से किस तरह बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। आइए जानते हैं 2025 के प्रमुख विजेताओं के बारे में और उनके खेल क्षेत्रों पर नजर डालते हैं।
राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख विजेता
2025 के भोगेश्वर बरुआ राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में भारत के खेल जगत को कई ऐसे खिलाड़यियों ने गौरवान्वित किया, जो अपनी काबिलियत और लगन से देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
- बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन (राष्ट्रीय): मनु भाकर (शूटिंग)
मनु भाकर ने देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। उनकी निशानेबाजी की तेज़ी और सटीकता उन्हें विश्व पटल पर अलग पहचान देती है। हाल ही में विश्व कप और ओलंपिक में उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि वे भारतीय खेल की आने वाली पीढ़ी के सबसे बड़े सितारे हैं। - लाइफटाइम अचीवमेंट (राष्ट्रीय): सुनील छेत्री (फुटबॉल)
भारतीय फुटबॉल के महानायक सुनील छेत्री की उपलब्धियां लम्बी हैं। उन्होंने देश के लिए 100 से अधिक मैचों में गोल किए हैं और भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया है। उनकी कप्तानी में भारत ने अनेकों बार महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। - इमर्जिंग प्लेयर (राष्ट्रीय): बेदब्रत भराली (एथलेटिक्स)
दिब्रूगढ़ के युवा पैरों के ये खिलाड़ी तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं। वे ट्रैक एंड फील्ड में उभरते हुए टैलेंट हैं जिनकी अंतर्दृष्टि और मेहनत उन्हें देश का भविष्य बनाती है। उन्होंने हाल ही में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी छलांग दिखाई है।
असम स्तर के प्रमुख विजेता
असम के खेल के लिए यह साल खास रहा। राज्य के कुछ मुख्य खिलाड़ी अपनी खास प्रतिभा और उपलब्धियों के साथ सम्मानित हुए हैं।
- बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन (असम): लवलिना बरगोHAIN (बॉक्सिंग)
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलिना बोरगोHAIN असम के लिए गर्व का प्रश्न हैं। उन्होंने महिला बॉक्सिंग में जो मुकाम हासिल किया है, वह न केवल असम बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उनकी ताकत और दृढ़ता से असमिया युवाओं में खेल की नई उम्मीद जगी है। - लाइफटाइम अचीवमेंट (असम): दीपांकर भट्टाचार्य (बैडमिंटन)
बैडमिंटन खिलाड़ी दीपांकर भट्टाचार्य ने असम और देश में इस खेल को फैलाने का महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्षों तक उन्होंने खेल के लिए काम किया और अब युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देकर उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं। - इमर्जिंग प्लेयर (असम): प्रियानुज भट्टाचार्य (स्विमिंग)
युवा तैराक प्रियानुज भट्टाचार्य ने तैराकी में कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी दमदार छाप छोड़ी है। उनकी तेजी और तकनीक से असम को स्विमिंग में राष्ट्रीय मान्यता मिल रही है।
पुरस्कार विजेताओं की संक्षिप्त सारणी
| पुरस्कार श्रेणी | विजेता | खेल क्षेत्र | प्रमुख उपलब्धि |
|---|---|---|---|
| बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन (राष्ट्रीय) | मनु भाकर | शूटिंग | विश्व कप एवं ओलंपिक पदक विजेता |
| लाइफटाइम अचीवमेंट (राष्ट्रीय) | सुनील छेत्री | फुटबॉल | 100+ अंतरराष्ट्रीय गोल, भारतीय फुटबॉल के दिग्गज |
| इमर्जिंग प्लेयर (राष्ट्रीय) | बेदब्रत भराली | एथलेटिक्स | राष्ट्रीय ट्रैक एवं फील्ड में उभरता सितारा |
| बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन (असम) | लवलिना बरगोHAIN | बॉक्सिंग | ओलंपिक कांस्य पदक विजेता |
| लाइफटाइम अचीवमेंट (असम) | दीपांकर भट्टाचार्य | बैडमिंटन | खिलाड़ी एवं कोच के रूप में उल्लेखनीय योगदान |
| इमर्जिंग प्लेयर (असम) | प्रियानुज भट्टाचार्य | स्विमिंग | राष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग प्रतियोगी |
यह सूची दर्शाती है कि कैसे विभिन्न खेल क्षेत्रों के खिलाड़ी अपने-अपने सीमाओं को पार कर रहे हैं और असम तथा भारत के खेल जगत को समृद्ध कर रहे हैं।

चित्रण: सम्मानित खिलाड़ियों का समूह, Image created with AI
इस पुरस्कार के माध्यम से न केवल खिलाड़ियों का सम्मान बढ़ता है, बल्कि नए खिलाड़यियों के लिए भी यह प्रेरणा का बड़ा स्रोत बनता है। अगर आप इनके प्रेरणादायक सफर के बारे में और जानना चाहते हैं तो आप इस असम ओलंपिक एसोसिएशन की खबर में विस्तार से पढ़ सकते हैं।
मुख्य समारोह, सरकारी घोषणाएँ एवं भविष्य की पहल
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स 2025 का मुख्य समारोह गुवाहाटी में भव्यता और उत्साह के साथ आयोजित किया गया। इस आयोजन में न केवल खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया, बल्कि असम सरकार ने खेलों के क्षेत्र में अपने संकल्प और निवेशों की भी घोषणा की। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए खेल को राज्य की प्राथमिकता बताते हुए इसके विकास के लिए ठोस कदम उठाने का भरोसा दिया।
यह पुरस्कार समारोह नयी ऊर्जा और उत्साह के साथ खेल के प्रति समाज को जोड़ने और असम को खेलों का एक मजबूत केंद्र बनाने की दिशा में सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के संदेश
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने समारोह में कहा कि असम सरकार खेलों को केवल एक माध्यम नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का जरिया मानती है। उन्होंने प्रमुख रूप से 3000 करोड़ रुपये के खेल विकास परियोजनाओं का जिक्र किया जो राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए शुरू किए गए हैं।
सरमा ने कहा कि ये निवेश केवल स्टेडियम या स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सुविधाओं और नवाचारों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसी तरह स्पोर्ट्स पेंशन योजनाएँ भी लागू की जा रही हैं ताकि पूर्व खिलाड़ियों का जीवन सम्मानजनक बना रहे।
उन्होंने यह भी बताया कि असम को आने वाले वर्षों में पूर्वोत्तर का स्पोर्ट्स हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसका फायदा न सिर्फ राज्य के खिलाड़ियों को मिलेगा, बल्कि पूरे देश के युवा इस केंद्र से लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल की प्रमुख घोषणाएँ
केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने स्पोर्ट्स अवार्ड्स को खेल प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए असम की खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि केंद्र सरकार असम के साथ मिलकर खेल क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
सरकार ने नई पहल के तहत खेल विज्ञान केंद्र, प्रशिक्षण सुविधाएं और प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करने की योजना बनाई है। सोनोवाल ने ये भी बताया कि राज्य के खिलाड़यियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए भेजने में अतिरिक्त मदद मिलेगी।
भविष्य की सरकारी पहलें और खेल विकास परियोजनाएँ
सरकार ने खेल क्षेत्र में व्यापक सुधार की योजना पर जोर दिया है, जिसमें मुख्य पहल इस प्रकार हैं:
- आधुनिक खेल कॉम्प्लेक्स और अकादमी निर्माण: प्रमुख शहरों में स्टेट ऑफ़ द आर्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनेंगें, जो प्रशिक्षण और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सकेंगे।
- खेल विज्ञान और स्वास्थ्य सुविधा केंद्र: खिलाड़ियों की बेहतर देखभाल के लिए नयी सुविधाएं विकसित की जाएंगी; इससे खेल चोटों में कमी और तेज रिकवरी संभव होगी।
- खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सुरक्षा योजनाएँ: स्पोर्ट्स पेंशन जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।
- राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में खेल को बढ़ावा: सरकारी स्तर पर खेल गतिविधियों को बढ़ाने और टैलेंट को खोजने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- स्पोर्ट्स इवेंट्स का नियमित आयोजन: राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मुकाबलों और टूर्नामेंट के आयोजन से खेल समुदाय में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा।
इन पहलों का समग्र उद्देश्य असम को खेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और युवाओं के सपनों को साकार करना है।
सरकार की ये योजनाएँ न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएंगी, बल्कि असम की पहचान को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेंगी।
आप इस असम ओलंपिक एसोसिएशन के आधिकारिक लॉन्च समाचार में समारोह की विस्तार से खबर पढ़ सकते हैं।
इस प्रकार, यह आयोजन न सिर्फ सम्मान का मौका था, बल्कि खेल के लिए एक नई शुरुआत भी। असम अब खेल के नक्शे पर एक मजबूत केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है, और सरकार की संकल्पबद्ध पहलें इसे जल्द हकीकत में बदलेंगी।
निष्कर्ष
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स असम और पूरे भारत के खिलाड़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बन गया है। यह पुरस्कार न केवल उनके बेहतरीन प्रदर्शन को मान्यता देता है, बल्कि युवाओं में खेल के प्रति जुनून और मेहनत को प्रोत्साहित करता है। मनु भाकर, सुनील छेत्री और लवलिना बोरगोHAIN जैसे नामी खिलाड़ियों का सम्मान इस बात का परिचायक है कि असम खेल के क्षेत्र में उभरते केंद्र के रूप में अपना नाम मजबूत कर रहा है।
असम सरकार की सक्रिय पहलें और निवेश खेल विकास को नई दिशा दे रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र आने वाले समय में और भी शक्तिशाली होगा। खेल अकादमियों, वैज्ञानिक प्रशिक्षण और वित्तीय सुरक्षा जैसी योजनाएँ खिलाड़ियों को बेहतर अवसर और सुविधा प्रदान करेंगी।
भोगेश्वर बरुआ नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स की ये पहल असम के खेल इतिहास में नयी ऊर्जा भर रही है और भविष्य के युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बन जाएगी। इससे खेल प्रेमी और प्रतिभाओं को देश-प्रदेश की कमी महसूस नहीं होगी, बल्कि सपने साकार करने का भरोसा मजबूत होगा। असम खेल में अपने समीकरण बनाए रखने और बढ़ाने की ओर लगातार कदम बढ़ा रहा है, जो खेल प्रेमियों के लिए गर्व की बात है।
