भारत का रूसी तेल पर रुख 2025: अमेरिकी टैरिफ, वैश्विक असर और ऊर्जा सुरक्षा
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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भारत का रूसी तेल को लेकर स्पष्ट रुख: अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक प्रभाव
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच रूसी तेल के व्यापार को लेकर गहरा विवाद उभरा है। भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार ने स्पष्ट कहा है कि भारत अपनी 1.4 अरब जनता की ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए सबसे अच्छे बाजार सौदों से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ को अनुचित और असंगत बताया, जो भारत के व्यापार निर्णयों को राजनीतिक कारण से जोड़ने की कोशिश है। इस स्थिति ने वैश्विक कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को झकझोर दिया है।
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भारत का ऊर्जा सुरक्षा पर जोर
भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा एक गैर-समझौता करने वाली प्राथमिकता है। राजदूत विनय कुमार का मानना है कि देश अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजार की परिस्थितियों का पालन करेगा, न कि राजनीतिक दबावों का। अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए टैरिफ को उन्होंने “अनुचित” और “अवैध” बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस संदर्भ में अमेरिकी दोहरे मानदंडों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जबकि भारत को कठोर टैरिफ झेलने पड़ रहे हैं, चीन और यूरोपीय संघ जैसे बड़े आयातक इन प्रतिबंधों से मुक्त हैं। भारत और अमेरिका के बीच अभी भी बातचीत चल रही है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों और छोटे व्यवसायों की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगा।
अमेरिकी दबाव और घरेलू प्रतिक्रियाएँ
अमेरिकी राजनीति में भी इस मुद्दे को लेकर कई चर्चाएँ हो रही हैं। पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेले ने भारत पर अमेरिकी प्रशासन के साथ मिलकर तेजी से समाधान निकालने का आग्रह किया। वहीं उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने टैरिफ को “आक्रामक आर्थिक दबाव” के रूप में सकारात्मक बताया, लेकिन माना कि ये नीतियाँ उल्टा असर कर रही हैं।
इन दबावों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के लिए चीन और रूस के साथ बैठकें करेंगे। इसके अतिरिक्त, चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राजीव दवण की रूस यात्रा, इस तनाव के बीच भारत की संतुलित विदेश नीति को दर्शाते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव
यूक्रेन ने हाल ही में स्वतंत्रता की 34वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन युद्ध के चलते संघर्ष जारी है। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की शांति की इच्छा रखते हैं, लेकिन रूस सीधे वार्ता से इनकार करता है। कियॉव पर रूस के हवाई हमले और कर्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास ड्रोन हमले ने तनाव को और बढ़ा दिया है।
कनाडा ने यूक्रेन में सुरक्षा गारंटी के तहत सैनिक भेजने की संभावना जाहिर की है, जिससे रूस और नाटो में चिंता बढ़ी है। युद्ध की भविष्यवाणी और अंतरराष्ट्रीय पहलों के बीच स्थिति बेहद जटिल बनी हुई है।
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और केंद्रीय बैंक
संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल रिजर्व पर राजनीतिक दबाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चिंता बन गया है। जैक्सन होल समिट में केंद्रीय बैंकर्स ने इस दबाव की आलोचना की। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की ब्याज दरों में कटौती की मांग और संभावित परिवर्तन आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल सकते हैं।
ब्याज दरों में जल्दबाजी में कटौती महंगाई बढ़ा सकती है, जबकि अधिक अवधि तक उच्च दरें आर्थिक विकास को धीमा कर सकती हैं। इससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता, बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट हो सकती है।
टेक्नोलॉजी और उद्योग में अमेरिकी कदम
यूएस सरकार ने सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल में लगभग 10% हिस्सेदारी खरीदी है, जो लगभग 9 अरब डॉलर की डील है। यह टेक्नोलॉजी क्षेत्र में अमेरिका की नई राजनीतिक नीति को दर्शाता है, जो चीन जैसी प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए सरकार को अधिक सक्रिय बनाती है।
इंटेल अपने प्रतिस्पर्धियों जैसे एनवाइडिया, ताइवान की TSMC और साउथ कोरिया की सैमसंग के सामने चुनौती झेल रहा है। आलोचक इसे अमेरिकी बाजार की मुक्त अर्थव्यवस्था के खिलाफ बताते हैं, जबकि समर्थक इसे चीन की राज्य समर्थित रणनीति का मुकाबला मानते हैं।
चीन का प्रॉपर्टी संकट: एवरग्रांडे का पतन
चीन की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी कंपनी एवरग्रांडे का दिवालिया होना संकट की गहरी कहानी बयान करता है। 300 अरब डॉलर से अधिक के ऋण के बोझ तले दबा यह संकट चीन की संपत्ति बाजार में व्यापक गिरावट का संकेत है।
यह संकट कड़ी बैंकिंग नीति और नए वित्तपोषण के अभाव के कारण पैदा हुआ। कई परियोजनाएं अधूरी रह गई हैं, उपभोक्ता विश्वास कम हुआ है और आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई है। अन्य डेवलपर्स भी इसी संकट में फंस रहे हैं, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ रहा है।
भारत की रक्षा क्षमताओं में प्रगति
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एकीकृत एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। इसमें घरेलू जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और लेजर आधारित हथियार शामिल हैं, जो ड्रोन से लेकर उच्च से निम्न उड़ान वाले हमलों को रोकने में सक्षम हैं।
यह पहल मिशन सुदर्शन चक्र के तहत भारत की सुरक्षा कवच का हिस्सा है, जिसे 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य है। साथ ही, भारतीय सेना प्रमुख जनरल अनील वैद्य का अल्जीरिया दौरा रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
भारत-अमेरिका संबंधों में अटकलें
अमेरिका में अभी तक भारत के लिए स्थायी राजदूत नियुक्त नहीं हुआ है, जो आठ महीने से ज्यादा समय रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने 38 वर्षीय कंजरवेटिव प्रकाशक सर्जियो गोर को भारत में नए राजदूत के रूप में नामित किया है।
गोर का दक्षिण एशिया का अनुभव सीमित है, और उनके कंधे पर दक्षिण और मध्य एशिया के विशेष एनवॉय के रूप में भी जिम्मेदारियां हैं। इससे भारत की आवाज़ वाशिंगटन में सीधे तौर पर कितनी असरदार होगी, यह अब देखना बाकी है।
वैश्विक भूखमरी और युद्ध की चपेट
विश्व में भले ही भूख की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन युद्ध प्रभावित क्षेत्रों जैसे गाजा और सूडान में मौतों की संख्या बढ़ रही है। मानवतावादी सहायता रोकने और आपूर्ति श्रृंखला बाधित करने के कारण इन जगहों पर भूखमरी एक हथियार बन चुकी है।
गाजा में पहली बार फामाइन घोषित किया गया है, जहां 5 लाख से अधिक लोग भूखे हैं। सूडान में संघर्ष के कारण खाद्य आपूर्ति बाधित है, जिससे संकट और गहरा रहा है।
एआई थेरेपी और मानसिक स्वास्थ्य में नई चुनौतियां
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित थेरेपी का विकास हो रहा है, जहां करीब 28% उपयोगकर्ता भावनात्मक मदद के लिए चैटबॉट से जुड़ते हैं। ये टीकटक, कई भाषाओं में उपलब्ध और मुफ्त होते हैं।
लेकिन इसकी निजता की चिंता और “एआई साइकियाट्रिक सिंड्रोम” नामक नया खतरा भी सामने आ रहा है, जिसमें उपयोगकर्ता आभासी दुनिया से इतना जुड़ जाते हैं कि उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। विशेषज्ञ इस बढ़ती समस्या पर सतर्क हैं।
पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ की तबाही
पाकिस्तान को मोनसून के कारण भारी बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। हाल के बाढ़ में 780 से अधिक लोगों की मौत हो गई, हजारों घायल हुए और घरों को नुकसान पहुंचा।
भूगोल, जलवायु परिवर्तन और प्रशासनिक कमजोरियों के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है। कई लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बर्निंग बिल्डिंग नियमों के बिना रह रहे हैं, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो रहा है।
परस्पर जुड़ी ये घटनाएं वैश्विक चुनौतियों का प्रतिबिम्ब हैं: ऊर्जा व्यापार विवाद, युद्ध और कूटनीतिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, तकनीकी उन्नति, वैश्विक खाद्य सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य के नए आयाम और जलवायु आपदाएं। ये सभी भारत सहित विश्व के लिए महत्वपूर्ण जगह रखते हैं।
भारत इस संदर्भ में अपने कूटनीतिक, आर्थिक और रक्षा संबंधों को सावधानी से संतुलित करता हुआ आगे बढ़ रहा है।
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India’s Foreign Minister S Jaishankar की अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ प्रतिक्रिया
